भगवान शिव का जन्म कैसे हुआ, इसको लेकर अनेक मतभेद हैं। कुछ कथाओं के अनुसार, वे ब्रह्मा जी के तीसरे नेत्र से प्रकट हुए, जबकि कुछ अन्य कथाओं में बताया गया है कि वे क्षीर सागर में शेषनाग की शय्या पर लेटे हुए भगवान विष्णु की नाभि से कमल के फूल के साथ प्रकट हुए थे।
भगवान शिव का जन्म कैसे हुआ, इसको लेकर अनेक मतभेद हैं। कुछ कथाओं के अनुसार, वे ब्रह्मा जी के तीसरे नेत्र से प्रकट हुए, जबकि कुछ अन्य कथाओं में बताया गया है कि वे क्षीर सागर में शेषनाग की शय्या पर लेटे हुए भगवान विष्णु की नाभि से कमल के फूल के साथ प्रकट हुए थे।